
(खरी कसौटी संवाद)
शाहजहांपुर। हज़रत रोशन अली शाह वारसी रहमतुल्लाह अलैह का एक दिवसीय 67 वां सालाना उर्स अकीदत व मोहब्बत से मनाया गया। कुल की महफ़िल में मुल्क की खुशहाली व सलामती की दुआ की गई। बुधवार को मोहल्ला बारादरी स्थित मज़ार पर सुबह को गुस्ल व संदल की रस्म अदा की गई। शाम छह बजे खादिम वकार खां वारसी की सरपरस्ती में गुलपोशी व चादरपोशी की गई। शाम साढ़े सात बजे कुल शरीफ का आग़ाज़ तिलावत ए कुरआन से किया गया। मुख्य अतिथि अल्लामा मुफ्ती ख़्वाजा सैयद अजीमुद्दीन हादी जीलानी ने अपनी तकरीर में लोगों से इस्लामी उसूलों पर अमल करते हुए सच्चाई के रास्ते पर चलने की नसीहत की। खादिम वकार खां वारसी ने साहिबे उर्स हज़रत रोशन अली शाह वारसी का जीवन परिचय दिया। सूफी फूल मियां, वसीम निजामी, राशिद हुसैन राही ने नात व मनकबत पेश की। कुरआन की आयात पढ़कर साहिबे उर्स को इसाले सवाब करते हुए हज़रत सैयद अजीमुद्दीन हादी जीलानी ने कौम व मिल्लत की खुशहाली व सलामती की दुआ महफ़िल ए समा में कव्वाल सलमान सुल्तानी ने सूफियाना कलाम सुनाकर जायरीन को मंत्रमुग्ध कर दिया। उर्स कमेटी की जानिब से लोगों में लंगर बांटा गया। इस मौके पर मुजीबुल हसन वारसी, खुशहाल वारसी, हाजी उस्मान, राशिद हुसैन राही, नौशाद हसन इदरीसी, अंजुम खां, यावर खां, जावेद खां, उमर सईद, अली हसन, सुहैल, शरीफ़ अहमद, मोहम्मद इकरार, मोहम्मद रफी, परवेज़, वारिस, हनीफ, शकील, अकरम, इफराहीम आदि समेत बड़ी संख्या में जायरीन मौजूद रहे।