
निजीकरण के विरोध में प्रांत व्यापी प्रदर्शन जारी
लखनऊ।विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के आह्वान पर निजीकरण के विरोध में विगत 195 दिन से लगातार आंदोलनरत बिजली कर्मियों ने आन्दोलन के साथ सुधार के संकल्प को व्यक्त करते हुए 31104 मेगावाट की विद्युत आपूर्ति कर एक नया कीर्तिमान बनाया है।
संघर्ष समिति के आवाहन पर आज प्रदेश में समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर विरोध प्रदर्शन का क्रम जारी राही।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के पदाधिकारियों ने बताया कि विद्युत कर्मी निजीकरण के विरोध में संघर्ष कर रहे हैं किंतु प्रारंभ से ही संघर्ष समिति का यह मत रहा है कि निजीकरण के विरोध में चल रहे आंदोलन में उपभोक्ताओं को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। संघर्ष समिति ने गर्मी में बिजली की लगातार बढ़ रही मांग को देखते हुए बिजली कर्मियों का आह्वान किया था कि उपभोक्ताओं को कोई तकलीफ नहीं होनी चाहिए।
संघर्ष समिति ने बताया कि 31104 मेगावाट की विद्युत आपूर्ति न केवल उत्तर प्रदेश के लिए एक रिकॉर्ड है अपितु यह देश के किसी भी प्रांत में आज की तारीख तक सर्वाधिक विद्युत आपूर्ति का एक नया कीर्तिमान है।
संघर्ष समिति ने कहा कि बिजली कर्मियों का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर पूरा विश्वास है और संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि वह प्रभावी हस्तक्षेप कर निजीकरण की प्रक्रिया को निरस्त कराने की कृपा करें जिससे इस भीषण गर्मी में उपभोक्ताओं को कोई तकलीफ न हो और विद्युत कर्मी पूर्ण मनोयोग के साथ उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति के नए कीर्तिमान स्थापित करते रहे।
निजीकरण के विरोध में लगातार 195 वें दिन बिजली कर्मचारियों ने प्रदेश के समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर विरोध प्रदर्शन जारी रखा।
मंगलवार वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, अलीगढ़, मथुरा, एटा, झांसी, बांदा, बरेली, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, नोएडा, गाजियाबाद, मुरादाबाद,हरदुआगंज, पारीछा, ओबरा, पिपरी और अनपरा में विरोध प्रदर्शन किया गया।