
लखनऊ।आईसीएआर-राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो ने महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड विश्वविद्यालय (एमजेपीआरयू), बरेली तथा महत्मा गाँधी मिशन विश्वविद्यालय, छत्रपति संभाजी नगर के साथ महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। एमओयू पर औपचारिक हस्ताक्षर और आदान-प्रदान लखनऊ में हुआ। इसका उद्देश्य जैव प्रौद्योगिकी, जलीय पारिस्थितिकी तंत्र संरक्षण, आणविक आनुवंशिकी और मत्स्य संसाधन प्रबंधन में अंतःविषय सहयोग को बढ़ावा देना है। आईसीएआर-एनबीएफजीआर के वैज्ञानिकों को दोनों विश्वविद्यालयों में नामांकित पीएचडी छात्रों का मार्गदर्शन करने के लिए पर्यवेक्षक के रूप में मान्यता दी जाएगी। छात्र संस्थान के उन्नत अनुसंधान बुनियादी ढांचे तक पहुंच के साथ आईसीएआर-एनबीएफजीआर में छह महीने का कोर्सवर्क भी कर सकते हैं। इस सहयोग से अनुभवात्मक शिक्षा में वृद्धि होगी तथा मछली आनुवंशिकी, वर्गीकरण और जैव सूचना विज्ञान में नवाचार को बढ़ावा मिलेगा। इस अवसर पर बोलते हुए, आईसीएआर-एनबीएफजीआर के निदेशक डॉ. काजल चक्रवर्ती ने इस बात पर जोर दिया कि यह साझेदारी शैक्षणिक अनुसंधान को अनुप्रयुक्त संरक्षण पहलों के साथ एकीकृत करके वैज्ञानिक पारिस्थितिकी तंत्र को आगे बढ़ाएगी, तथा स्थायी जलीय कृषि और जैव विविधता संरक्षण में राष्ट्रीय प्राथमिकताओं में योगदान देगी। यह समझौता ज्ञापन एक ऐसा लचीला अनुसंधान नेटवर्क बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है जो जलीय आनुवंशिक संसाधनों के क्षेत्र में छात्रों, वैज्ञानिकों और हितधारकों को लाभान्वित करेगा।