एरवाकटरा थाना क्षेत्र के गांव कटिका का छह साल पुराना मामला
दोषी पर कोर्ट ने लगाया 40 हजार रुपये अर्थदंड, नव विवाहिता को ससुराल में फंदे से मौत पर दहेज हत्या दर्ज थी
औरैया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश मयंक चौहान ने एरवाकटरा थाना क्षेत्र के कटिका गांव में दहेज की मांग को लेकर प्रताड़ित करने से क्षुब्ध नव विवाहिता को आत्महत्या करने के लिए विवश करने वाले दोषी पति को 10 साल के कठोर कारावास की सजा से दंडित किया हैं। कोर्ट ने दोषी पर 40 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है।
अभियोजन की ओर से उक्त मामले की पैरवी करर रहे डीजीसी अभिषेक मिश्र के अनुसार यह मुकदमा छह साल पुराना है। जिसमें बेला थाना क्षेत्र के ग्राम बर्रू कुलासर निवासी वादिनी ऊषा देवी ने एरवाकटरा थाना एरवाकटरा में दहेज प्रताड़ना व दहेज हत्या का यह मामला पंजीकृत कराया। वादिनी ने लिखा कि उसकी पुत्री ज्योति उर्फ सुधा की शादी 12 मार्च 2016 को गांव कटिका निवासी मोहन उर्फ मोहरमन के साथ हुई थी। उसने आरोप लगाया कि दहेज की मांग को लेकर उसकी पुत्री को ससुरालीजन प्रताड़ित करते थे। दो मई 2019 को ज्योति की ससुराल में मृत्यु हो गई। इस पर ससुरालीजनों के विरुद्ध दहेज प्रताड़ना व दहेज हत्या का मामला दर्ज हुआ। पुलिस ने विवेचना कर पति मोहन उर्फ मोहरमन के विरुद्ध आरोप पत्र कोर्ट में प्रस्तुत किया।
यह मुकदमा जिला एवं सत्र न्यायालय में चला। मंगलवार को इसका निर्णय सुनाया गया। कोर्ट ने दहेज हत्या की जगह इसे आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरण व दहेज प्रताड़ना का मामला माना। अभियोजन की ओर से डीजीसी अभिषेक मिश्र ने आत्महत्या के लिए विवश करने वाले पति को कठोर दंड देने की बहस की। वहीं बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि अभियुक्त मोहन गरीब व्यक्ति है। तथा उसके दो छोटे-छोटे बच्चे हैं। अतः उस पर रहम की जाए। दोनों पक्षकारों को सुनने के बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश मयंक चौहान ने दहेज को लेकर प्रताड़ित करने व फंदा लगाकर आत्महत्या करने के लिए विवश करने के दोषी पति मोहन उर्फ मोहरमन को 10 साल के कठोर कारावास की सजा से दंडित किया। उस पर 40 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया गया। कोर्ट ने अभियुक्त द्वारा जेल में बिताई गई अवधि को सजा में समायोजित करने का भी आदेश दिया। सजा पाए दोषी पति को जिला कारागार इटावा भेज दिया गया।