अभिकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण एवं प्रमाणन कार्यक्रम संचालित
लखनऊ।ूप्रदेश के रियल एस्टेट सेक्टर के विकास में भू-संपदा अभिकर्ताओं की अहम भूमिका एवं योगदान को ध्यान में रखते हुए एवं अभिकर्ताओं द्वारा संपादित किए जा रहे कार्यों में और अधिक स्थिरता लाए जाने के उद्देश्य से उ.प्र. भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (उ.प्र. रेरा) द्वारा अभिकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण एवं प्रमाणन कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए अध्यक्ष उ.प्र. भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण संजय आर भूसरेडडी ने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य यह है कि अभिकर्ताओं को विनियमन संरचना का ज्ञान हो, रेरा अधिनियम के प्राविधानों एवं नियमों की पर्याप्त जानकारी हो, प्राधिकरण द्वारा समय-समय पर दिये जाने वाले दिशा-निर्देशों के अनुपालन हेतु सहज रूझान हो एवं सेक्टर के विनियमन एवं समग्र विकास में भी वृद्धि हो। प्रशिक्षण एवं प्रमाणन कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाले प्रत्येक प्रतिभागी को प्रशिक्षणोपरांत हुए मूल्यांकन में सफलता के आधार पर प्रशिक्षण प्रमाण पत्र प्रदान करने की व्यवस्था है।
उन्होने बताया कि प्रशिक्षण प्रमाण पत्र के आधार पर संबंधित व्यक्ति उ.प्र. रेरा में अभिकर्ता के रूप में पंजीकृत किसी पार्टनरशिप-फर्म, लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनरशिप (एलएलपी) अथवा कंपनी में किसी भी पोजीशन पर कार्य कर सकता है। रेरा अधिनियम, 2016 एवं उ.प्र. रेरा नियमावली के प्रविधानों के अनुसार एकल, प्रोपाराइटरशिप, पार्टनरशिप, एलएलपी अथवा कंपनी के रूप में उ.प्र. रेरा में नए अभिकर्ता के रूप में पंजीकरण हेतु निर्धारित शुल्क आदि के साथ ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। उन्होने बताया कि पार्टनरशिप, एलएलपी अथवा कंपनी के रूप में एजेंट पंजीकरण आवेदन अथवा पंजीकरण एमेन्डमेन्ट आवेदन करने के लिए पार्टनर व डायरेक्टर्स का प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र उपलब्ध होना अनिवार्य होगा। प्रत्येक एजेंट, जो पूर्व से उ.प्र. रेरा में पार्टनरशिप-फर्म, एलएलपी अथवा कंपनी के रूप में पंजीकृत है, के पार्टनर/डायरेक्टर्स/सीईओ आदि के लिए उपर्युक्त प्रशिक्षण प्राप्त करना अनिवार्य है।
अध्यक्ष रेरा ने बताया कि ऐसे एजेंट जो उ.प्र. रेरा में पार्टनरशिप-फर्म, एलएलपी अथवा कंपनी के रूप में पंजीकृत होते हैं, का यह दायित्व होगा कि वे अपनी समस्त मानव-संपदा, जो घर खरीदारों द्वारा यूनिट/प्लॉट आदि के क्रय से संबंधित कार्यों यथा- विज्ञापन, सेल्स/मार्केटिंग, वित्तीय लेन-देन में संलिप्त होते हैं, को प्रशिक्षित किया जाना अनिवार्य है। उन्होने बताया कि प्रशिक्षण एवं प्रमाणन कार्यक्रम में प्रतिभाग करने हेतु प्रति प्रशिक्षणार्थी निर्धारित शुल्क रू.6,000/- का ऑनलाइन भुगतान करना होगा। ऐसे आवेदक एकल, प्रोपाराइटरशिप, पार्टनरशिप, एलएलपी अथवा कंपनी आदि- जिनके द्वारा पूर्व में प्रति प्रशिक्षणार्थी रु.5,000/- का भुगतान किया गया है, वह अतिरिक्त रू.1,000/- का भुगतान रेरा पोर्टल पर अपने लॉगिन स्थित डैशबोर्ड के माध्यम से करेंगे।
श्री रेडडी ने बताया कि प्रदेश के समस्त इच्छुक आवेदकों के द्वारा एजेन्ट प्रशिक्षण एवं प्रमाणन कार्यक्रम में प्रतिभाग करने हेतु उ.प्र. रेरा पोर्टल पर प्रशिक्षण हेतु पंजीकरण कराया जाएगा तथा उनका प्रशिक्षण लखनऊ स्थित इण्डिया लिटरेसी बोर्ड परिसर में सम्पन्न होगा। जिन आवेदकों द्वारा निर्धारित वैच में प्रतिभाग करने की पुष्टि करने के उपरांत उस बैच में प्रतिभाग नहीं किया जाता है, उनका प्रशिक्षण शुल्क जब्त कर लिया जाएगा एवं प्रशिक्षण शुल्क
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का पुनः भुगतान करने के उपरांत ही उन्हें प्रशिक्षण प्राप्त करने की सुविधा होगी। उन्होने बताया कि प्रशिक्षणोपरांत हुए मूल्यांकन में असफल प्रशिक्षणार्थियों द्वारा आगामी प्रशिक्षण सत्र में रु.3000/- प्रशिक्षण शुल्क जमा करते हुए प्रशिक्षण हेतु पुनः पंजीकृत हो सकेगा।
उन्होने यह बताया कि फर्म, पार्टनरशिप, एलएलपी अथवा कम्पनी के प्रतिनिधि के रूप में प्रशिक्षण प्राप्त किये हुए प्रतिभागियों को प्रदान किये जाने वाले प्रमाण पत्र में उस प्रतिभागी द्वारा सम्बन्धित फर्म, पार्टनरशिप, एलएलपी अथवा कम्पनी के प्रतिनिधि के रूप में प्रशिक्षण प्राप्त करने का उल्लेख रहेगा। किन्तु यह प्रमाण पत्र सम्बन्धित प्रतिभागी हेतु तब भी वैध रहेगा, जब वह उस फर्म, पार्टनरशिप, एलएलपी अथवा कम्पनी से इतर किसी अन्य रियल इस्टेट एजेन्सी/प्रतिष्ठान में कार्य करने लगता है अथवा अपना स्वयं का पृथक पंजीकरण रेरा में प्राप्त करने हेतु आवेदन करता है।