लखनऊ।संजय गाँधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के एंडोक्राइनोलाजी विभाग द्वारा थायराइड विकारों पर शैक्षिक सीएमई के साथ विश्व थायराइड दिवस का आयोजन संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के एंडोक्राइनोलॉजी विभाग ने नर्सिंग कॉलेज सहयोग से एक व्यापक सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) कार्यक्रम आयोजित करके विश्व थायराइड दिवस मनाया। एडवांस्ड डायबिटीज सेंटर के नर्सिंग कॉलेज ऑडिटोरियम में आय इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्वास्थ्य पेशेवरों और छात्रों के बीच थायराइड विकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और उनकी समझ को गहरा करना था।
कार्यक्रम का प्रारंभ एंडोक्राइनोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. सुभाष बी यादव के गर्मजोशी स्वागत से हुई, जिन्होंने प्रतिनिधियों का अभिवादन किया और समुदाय में थायराइड स्वास्थ्य महत्वपूर्ण महत्व को रेखांकित किया। कार्यक्रम का सफल आयोजन एंडोक्राइनोलॉजी विभसंकाय डॉ. शिवेंद्र वर्मा और डॉ. बिभूति द्वारा किया गया, ताकि सभी उपस्थित लोगों के लिए सहज और आकर्षक अनुभव सुनिश्चित किया जा सकता है।
सीएमई में अग्रणी विशेषज्ञों द्वारा कई उपयोगी चर्चाएं की गईं।
डॉ. आयुषी सिंघल ने हाइपर थायरायडिज्म की जटिलताओं को संबोधित किया व नवीनतम
निदान दृष्टिकोण और उपचार विकल्पों पर चर्चा की।
डॉ. प्रशांत ने हाइपोथायरायडिज्म पर एक जानकारीपूर्ण सत्र दिया, जिसमें इसके कारणों, ल और प्रबंधन रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
डॉ. निरुपमा ने गर्भवती महिलाओं में थायराइड विकारों के उपचार पर बहुमूल्य मार्गदर्शन प्र किया, जिसमें मातृ और भ्रूण स्वास्थ्य के महत्व पर जोर दिया गया।
डॉ. संगीता ने जन्मजात हाइपोथायरायडिज्म के लिए नवजात शिशु की जांच की अनिवार्यता प्रकाश डाला और इसकी प्रारंभिक पहचान और समय पर हस्तक्षेप की आवश्यकता को रेखांकित किया।
एसजीपीजीआई के निदेशक प्रोफेसर आर के धीमन छुट्टी पर होने के बावजूद इस उद्देश्य के अपने समर्पण और समर्थन प्रदान करते हुए कार्यक्रम में शामिल हुए। एसजीपीजीआई के डीन डॉ. शालीन कुमार ने इस पहल को प्रोत्साहन दिया। नर्सिंग कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. राधा के का विशेष उल्लेख किया गया, जिन्होंने नर्सिंग विद्यार्थियो को कार्यक्रम सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया और कॉलेज परिसर में कार्यक्रम के आयोन भी मदद की।
कार्यक्रम में नर्सिंग छात्रों की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखी गई, जिन्होंने विशेषज्ञ सत्रों और चर्चा में सक्रिय रूप से भाग लिया। इस कार्यक्रम ने थायराइड स्वास्थ्य के बारे में अधिक समझ जागरूकता को सफलतापूर्वक बढ़ावा दिया, जिससे स्वास्थ्य सेवा शिक्षा और रोगी देखभाल उत्कृष्टता के लिए एसजीपीजीआई की प्रतिबद्धता को बल मिला।