हिंदू धर्म में व्रत और उपवास का विशेष महत्व होता है।
प्रत्येक माह में कोई न कोई व्रत और त्योहार पड़ते रहते हैं। वरलक्ष्मी व्रत हर साल सावन माह के अंतिम शुक्रवार को रखा जाता है। ये व्रत माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इस साल वरलक्ष्मी व्रत 12 अगस्त को है। इसी दिन सावन माह की पूर्णिमा तिथि समाप्त हो रही है। ऐसे में इस बार वरलक्ष्मी व्रत के दिन सावन पूर्णिमा का भी खास संयोग बन रहा है। वरलक्ष्मी व्रत के दिन महिलाएं अपने परिवार की मंगल कामना और सुखी जीवन के लिए उपवास रखती हैं और व्रत रहकर मां लक्ष्मी की पूजा आराधना करती हैं। वरलक्ष्मी व्रत का त्योहार मुख्य रूप से दक्षिण भारत और महाराष्ट्र में मनाया जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं वरलक्ष्मी व्रत की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में…. 2 of 5
वरलक्ष्मी व्रत 2022 शुभ मुहूर्त
इस साल वरलक्ष्मी व्रत 12 अगस्त 2022, दिन शुक्रवार को जाएगा। इस दिन पूजा के लिए चार शुभ मुहूर्त हैं।
प्रातः कल पूजा का मुहूर्त – 06 बजकर 14 मिनट से 08 बजकर 32 मिनट तक
दोपहर पूजा मुहूर्त- 01 बजकर 07 मिनट से 03 बजकर 26 मिनट तक
शाम पूजा मुहूर्त- 07 बजकर 12 मिनट से रात 08 बजकर 40 मिनट तक
रात्रि पूजा मुहूर्त- 11 बजकर 40 बजे से देर रात 01 बजकर 35 मिनट तक 3 of 5
वरलक्ष्मी पूजा सामग्री
ज्योतिष के अनुसार, वरलक्ष्मी पूजा में विवाहित महिलाएं अलग-अलग तरह से पूजा करती हैं। पूजन सामग्री में मां वरलक्ष्मी की प्रतिमा, कुमकुम, हल्दी, चंदन, माला फूल, पान के पत्ते, अक्षत के साथ श्रृंगार की सभी सामग्रियों को शामिल किया जाता है। 4 of 5
वरलक्ष्मी पूजा विधि
वरलक्ष्मी व्रत वाले दिन सुबह जल्दी उठकर घर की साफ-सफाई करें और पूजा स्थल को गंगाजल शुद्ध करें। साथ ही स्नानादि करके व्रत का संकल्प लें। पूजा के दौरान मां वरलक्ष्मी की प्रतिमा या मूर्ति को नए कपड़े पहनाएं, उनका श्रृंगार करें। 5 of 5
मां लक्ष्मी की मूर्ति के पास भगवान गणेश की प्रतिमा रखे। इसके बाद कलश और अक्षत से वरलक्ष्मी का स्वागत करें। विधि-विधान से पूजा करने के बाद मां को भोग लगाकर प्रसाद का वितरण करें।