जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों के खिलाफ सुरक्षा बलों ने बड़ी कामयाबी हासिल की है। बीते 48 घंटों के भीतर सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के संयुक्त ऑपरेशन में छह आतंकियों को मार गिराया गया। शुक्रवार को श्रीनगर में आयोजित संयुक्त प्रेस वार्ता में आईजीपी (कश्मीर) वी.के. बिरदी कुमार, मेजर जनरल धनंजय जोशी (जीओसी, विक्टर फोर्स) और आईजी सीआरपीएफ मितेश जैन ने यह जानकारी दी।
दो ऑपरेशन, दो जगह, छह आतंकी ढेर
आईजीपी बिरदी ने बताया कि केलार (शोपियां) और त्राल में दो अलग-अलग अभियानों को अंजाम दिया गया। दोनों इलाकों में संयुक्त बलों ने सटीक कार्रवाई कर 6 आतंकियों को ढेर कर दिया। “हम कश्मीर घाटी में आतंकी इकोसिस्टम को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। पिछले 48 घंटों में हुए दो सफल ऑपरेशन इसका प्रमाण हैं।”
कैसे चला ऑपरेशन? मेजर जनरल जोशी ने बताया
मेजर जनरल धनंजय जोशी ने ऑपरेशन की रणनीति और चुनौतियों पर विस्तार से बात की:
12 मई को केलार के ऊपरी इलाकों में आतंकी गतिविधि की जानकारी मिली।
13 मई की सुबह सेना ने इलाके में हलचल देखी और आतंकियों को ललकारा।
आतंकियों की ओर से फायरिंग शुरू हुई, जिसके जवाब में उन्हें ढेर किया गया।
दूसरा ऑपरेशन त्राल के एक गांव में हुआ, जहां आतंकी घरों में छिप गए थे। “हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती गांव के आम नागरिकों की सुरक्षा थी। इस मिशन को अत्यंत सतर्कता के साथ अंजाम दिया गया।”
मारे गए आतंकियों में शामिल था ‘शाहिद कुट्टाय’
सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक मारे गए आतंकियों में से एक की पहचान शाहिद कुट्टाय के रूप में हुई है। वह दो बड़े आतंकी हमलों में शामिल था, जिनमें एक जर्मन पर्यटक पर हमला भी शामिल है। “शाहिद आतंकी गतिविधियों के लिए फंडिंग में भी शामिल था,” मेजर जनरल जोशी ने कहा।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद तेज़ हुआ एक्शन
गौरतलब है कि यह ऑपरेशन उस समय हुआ है जब पहलगाम हमले के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। इसमें जैश-ए-मोहम्मद का बहावलपुर मुख्यालय और लश्कर-ए-तैयबा का मुरीद स्थित ट्रेनिंग कैंप शामिल था। इस ऑपरेशन में लगभग 100 आतंकी मार गिराए गए, जिसके बाद पाकिस्तान ने जवाबी हमला कर नागरिकों को निशाना बनाया, और हालात तनावपूर्ण हो गए थे। हालांकि, बाद में दोनों देशों ने युद्धविराम की घोषणा की।