शनि ऐसे ग्रह हैं जिनका नाम सुनते ही लोग चिंता में आ जाते हैं पर यह गलत धारणा है असल में शनिदेव न्यायप्रिय देव हैं जो सही के साथ सही और गलत के साथ बहुत गलत करते हैं। शनिदेव की महिमा आपके कर्मों पर निर्भर करती है। यदि आपके कर्म अच्छे हैं तो आपके साथ हमेशा आशीर्वाद रहेगा। ज्योतिषशास्त्र में हम 12 राशियों एवं 9 ग्रहों से जुड़ी बातें पढ़ते हैं। ये सभी ग्रह राशियों के चक्कर लगाते हैं इसमें शनिदेव की चाल सबसे धीमी होती है। ये एक राशि पर लगभग ढाई साल का समय बिताते हैं। शनि की साढ़े साती तीन चरणों की होती है प्रत्येक चरण ढाई वर्षों का होता है। प्रथम चरण में व्यक्ति आर्थिक रूप से पीड़ित रहता है, व्यक्ति को मानसिक रूप से भी कई समस्याओं का पालन करना पड़ता है। द्वितीय चरण में पारिवारिक समस्याओं से निपटना पड़ता है इसमें पारिवारिक विवाद, आपसी कलह इन सभी समस्याओं से सामना होता है। वहीं तृतीय चरण राहत पूर्ण होता है इसमें दो चरणों की नुकसान की भरपाई होती है किंतु स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं इसमें भी रहती हैं। जब व्यक्ति इन तीनों चरणों से निकलता है तो काफी संकटों का सामना कर चुका होता है, इसी के कारण लोग शनिदेव से बहुत डरते हैं। इनके प्रकोप से व्यक्ति का जीवन पलट जाता है। बड़े बड़े लोग धरती पर आ जाते हैं जब शनिदेव के प्रकोप से सामना होता है। आइये जानते हैं कौन सी राशि हैं जिससे जुड़े लोगों को 2022 तक रहना होगा संभलकर-
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मकर राशि से जुड़े लोगों पर रहेगा शनिदेव का प्रकोप
इस समय शनिदेव मकर राशि में विराजमान हैं जहां साढ़े साती का द्वितीय चरण चल रहा है। ये सबसे कठिन चरण होता है इसमें आर्थिक एवं मानसिक दोनों रूप से व्यक्ति प्रभावित होता है जिससे स्थिति संभल भी नही पाती है। ये चरण 29 अप्रैल 2022 तक रहेगा, इस समय तक मकर राशि से जुड़े लोगों को हर कदम फूंक कर रखना पड़ेगा। आपसी रूप से लोगों द्वारा धोखे मिलेंगे शायद उनसे भी जिनका आपने कभी सोचा न हो। प्रयास बहुत करने हैं सफलता में जरा देर लगेगी। ऐसी मान्यता है जहां शनिदेव सही स्थिति में हैं और उनके कर्म अच्छे हो तो ऐसा आशीर्वाद मिलता है कि आप फूले नही समाएंगे। यदि आपके कर्म अच्छे होंगे तो निश्चित ही आपका भला होगा क्योंकि शनिदेव को न्यायप्रिय देव माना गया है जो हर किसी को समान तराजू से तोलते हैं और सभी को समान परिणाम प्राप्त होते हैं। लोग शनिदेव का कुंडली में विराजमान होने की बात सुनकर बहुत अधिक चिंतित हो जाते हैं।

इन उपायों से कम हो सकता है हानिकारक प्रभाव
शनिदेव के प्रकोप से बचने का सबसे आसान उपाय है कि महादेव एवं बजरंगबली की भक्ति करें। हनुमान चालीसा का नियमित रूप से पाठ करें, एवं बर्तन में तेल लेकर उसमें चेहरा देखकर शनिदेव के मंदिर में छायादान करें इससे राहत मिलती है। इन उपायों को शनिवार को करें जिससे कष्टों को दूर किया जा सके। यही नही बल्कि शनिदेव के प्रकोप से बचने का एक और अचूक उपाय है हर शनिवार दशरथकृत शनिस्तोत्र का पाठ करें इसके रचयिता प्रभु श्रीराम के पिता राजा दशरथ थे इसके माध्यम से उन्होंने शनिदेव को प्रसन्न कर यह वरदान प्राप्त किया था कि जो भी यह पाठ करेगा वो मेरे कष्टों से मुक्त हो जाएगा। जब शनिदेव महाराजा दशरथ की भक्ति से प्रसन्न हुए थे तब उन्होंने आशीर्वाद दिया था। शनिदेव का प्रकोप ऐसा है वो कभी भी जीवन की दिशा बदल सकते हैं। शनिदेव को प्रसन्न करने हेतु दान अवश्य करें जितना अधिक दान करेंगे, जरूरतमंदों की मदद करेंगे तो निश्चित रूप से शनिदेव की कृपा आप पर बरसेगी।