श्रीलंका में स्थिति दिन पर दिन दयनीय होती जा रही है। लोगों खाने के साथ-साथ दवाईयां और पेट्रोल-डीजल के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। इस बीच में बुधवार को श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमासिंंघे ने कहा है कि श्रीलंका दिवालियों हो चुका है, क्योंकि देश दशकों में अपने सबसे खराब वित्तीय संकट से जूझ रहा है, जिससे लाखों लोग भोजन, दवा और ईंधन खरीदने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।सीएनएऩ की रिपोर्ट के मुताबिक, विक्रमसिंघे ने सांसदों से कहा कि देश की ढह चुकी अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ बातचीत करना काफी कठिन है, क्योंकि 22 मिलियन (2.2 करोड़) के दक्षिण एशियाई राष्ट्र ने एक विकासशील देश के बजाय एक दिवालिया देश के रूप में बातचीत के लिए आगे बढ़ा है।
आईएमएफ के सामने खुद को प्रस्तुत करना कठिन
श्रीलंकाई प्रधानमंत्री ने संसद में कहा, अब हम एक दिवालिया देश के रूप में बातचीत में भाग रहे हैं। इसलिए हमें पिछले की वार्ताओं की तुलना में अधिक कठिनाई और जटिल स्थितियों का सामना करना पड़ता है। दिवालियेपन की स्थिति के कारण हमें अपने देश को आईएमएफ के सामने अलग तरह से पेश करना पड़ रहा, जो काफी जटिल है।