मेकांग-गंगा देशों के 50 प्रतिनिधि करेंगे प्रदेश के बौद्ध स्थलों का भ्रमण
बोधि यात्रा आसियान देशों के मध्य भारत के सांस्कृति संबंधों को प्रगाढ़ करने में अहम भूमिका निभायेगी- जयवीर सिंह
लखनऊ। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के सहयोग से मेकांग-गंगा सहयोग (एमजीसी) कार्य योजना (2019-2024) के तहत 02 जून से 07 जून, 2025 तक ‘बोधि यात्रा’ नाम से एक फैम ट्रिप (फैमिलियराइजेशन ट्रिप) का आयोजन किया जा रहा है। इस यात्रा में कम्बोडिया, लाओ पीडीआर, म्यांमार, थाईलैंड और वियतनाम जैसे पांच आसियान देशों के 50 प्रतिनिधि भाग लेंगे, जिनमें ट्रैवल एजेंट्स, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और बौद्ध भिक्षु शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बोधि यात्रा में शामिल देशों के प्रतिनिधियों को उत्तर प्रदेश पधारने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश वह भूमि है जिसे भगवान बुद्ध ने अपनी कर्मस्थली चुना और मानव कल्याण के उपदेश दिए। उनका उपदेश सर्वकालिक है और आज की परिस्थितियों में अत्यधिक प्रासंगिक है। संसार में युद्ध के बादल मड़रा रहे हैं, ऐसी स्थिति में विश्वशांति का मार्ग भगवान बुद्ध दर्शन से ही प्राप्त होता है। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग इस पहल के जरिए न केवल बौद्ध विरासत को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटन सहयोग और सांस्कृतिक संबंधों को भी सशक्त बनाना चाहता है। उन्होंने कहा कि यह बोधि यात्रा विभिन्न देशों के मध्य सांस्कृतिक संबंधों को प्रगाढ़ करेगी। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के भगवान बुद्ध से जुड़े पवित्र स्थलों को वैश्विक मंच प्रदान करेगी।
जयवीर सिंह ने बताया कि ’बोधि यात्रा’ में प्रत्येक देश से 10 प्रतिभागियों का चयन उनके संबंधित सरकार द्वारा किया गया है। यात्रा का समापन 07 जून को सारनाथ में होगा, जहां बिहार पर्यटन विभाग इन प्रतिनिधियों का स्वागत करेगा। तत्पश्चात, बिहार के प्रमुख बौद्ध स्थलों की यात्रा की शुरुआत होगी। उत्तर प्रदेश सरकार के सांस्कृतिक और पर्यटन संवर्धन प्रयासों के तहत अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल छह दिवसीय यात्रा के दौरान प्रदेश के प्रमुख बौद्ध स्थलों की यात्रा करेगा। इस यात्रा में प्रतिनिधि विश्व प्रसिद्ध छह बौद्ध स्थलों- श्रावस्ती, कपिलवस्तु, कुशीनगर, सारनाथ, वाराणसी और लखनऊ सहित आगरा का भ्रमण करेंगे। यह यात्रा बौद्ध धर्म से जुड़े उन स्थलों को प्रदर्शित करती है जो भगवान बुद्ध के जीवन, शिक्षाओं और आध्यात्मिक यात्रा से सीधे तौर पर जुड़े हैं। इन स्थलों का बौद्ध अनुयायियों के लिए विशेष धार्मिक महत्व है।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि इस फैम ट्रिप का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल को राज्य की समृद्ध पुरातात्विक विरासत, संग्रहालयों, प्राचीन मंदिरों और पवित्र बौद्ध स्थलों से व्यापक परिचय कराना है। इसी कड़ी में ट्रैवल एजेंटों को सारनाथ, कुशीनगर, श्रावस्ती सहित अन्य महत्वपूर्ण स्थलों की यात्रा कराई जा रही है। पर्यटन विभाग का मानना है कि इस पहल से उत्तर प्रदेश को अंतरराष्ट्रीय बौद्ध पर्यटन सर्किट में प्रमुख गंतव्य के रूप में स्थापित करने में मदद मिलेगी।