केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा है कि तीन दिनी ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट उत्तर प्रदेश के लिए तीन साल के लिए फलदाई होगी। उद्योगों की स्थापना के लिए नीतियों में पारदर्शिता तथा सरकार द्वारा त्वरित निर्णय लेने की क्षमता से यहां भारी निवेश आ रहे हैं।
जो बता रहे हैं कि अब यूपी में पारदर्शी सरकार है। उन्होंने पूर्व की सरकार का नाम लिए बगैर कहा कि पहले यूपी की यह दशा थी कि यहां पर निवेश के लिए समिट का आयोजन दिल्ली में किया जाता था।
शुक्रवार को ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में ‘यूपी इन्हैंसिंग सेफ्टी एंड इंपावरिंग एमएसएमई एंड कोआपरेटिव’ विषयक गोष्ठी में अमित शाह ने कहा कि किसी भी राज्य में निवेश लानी है तो पांच तत्व होने चाहिए। पहला राज्य में कानून व व्यवस्था ठीक होनी चाहिए, राज्य का इंफ्रास्ट्रक्चर ठीक होना चाहिए, राज्य में एनर्जी व फाइनेंस की नीतियां निर्धारित होनी चाहिए, नीतियों का निर्धारण पारदर्शी होनी चाहिए और पांचवां राज्य में त्वरित निर्णय लेने की क्षमता होनी चाहिए। पहले यूपी में इन पांचों तत्वों को खोजने पर निराशा हाथ लगती थी। आज यह पांचों चीजें प्रदेश सरकार ने जमीन पर उतारी है।
प्रदेश सरकार पर एक भी आरोप नहीं
उन्होंने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर में बीते पांच साल में सबसे अच्छा काम यूपी में हुआ है। राज्य में भाजपा की सरकार पारदर्शी तरीके से चल रही है एक भी आरोप हमारी सरकार पर नहीं है। सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार ने यूपी में त्वरित फैसले लेने का माद्दा भी दिखाया है।
इंडस्ट्री और इंवेस्टमेंट दोनों के लिए एक अनुकूल वातावरण यहां बना है। उन्होंने कहा कि मैंने बचपन में भौतिक विज्ञान का एक नियम पढ़ा था ‘मॉस मल्टीप्लाई बाई वैलेसिटी इज इक्युल टू मोमेंटम’। यूपी में अब मास भी है वैलोसिटी भी है इसलिए मोमेंटम भी है।
यूपी में भाजपा सरकार देश के लिए शुभ है
यूपी में भाजपा की सरकार देश के लिए शुभ है, जब तक यूपी जैसे बड़े सूबे का विकास नहीं होता तब तक देश का विकास तेजी से नहीं हो सकता है। क्षेत्रफल, आबादी में यह राज्य बड़ा है तो यहां संभावनाएं भी बहुत हैं। मां गंगा और जमुना की कृपा इस राज्य पर अपार है। पीएम मोदी ने पांच ट्रिलियन का जो संकल्प लिया है उसमें यूपी का बड़ा महत्व है।
पहले समिट दिल्ली में होता था अब पूरा विश्व यूपी आ रहा है
उन्होंने कहा कि पिछली सरकार उत्तर प्रदेश का इंवेस्टर्स समिट दिल्ली में कराया। उस समय के मंत्री ने कहा था कि लोग यूपी नहीं आएंगे इसलिए दिल्ली में आयोजन किया है। जब लोग यूपी नहीं आएंगे तो वहां निवेश क्या करेंगे। उन्होंने कहा कि जब एक जमाना था जब समिट दिल्ली में होता था अब पूरा विश्व यूपी आ रहा है। यह समिट यूपी का भाग्य बदलने वाला है।
एमएसएमई बड़ी कंपनी बनने का माद्दा रखता है
उन्होंने कहा कि मैं ऐसे प्रदेश से आता हूं जहां पर उद्योग व निवेश सदियों से होता है। आज देश की टाप 25 कंपनियों में से आठ कंपनियों को जानता हूं जिनकी शुरुआत एमएसएमई के रूप में हुई थी। साहस हो तो एमएसएमई वह बीज है जो भारत की सबसे बड़ी कंपनी बनने का माद्दा रखता है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई व सहकारिता सबसे अधिक रोजगार देने वाले हैं।
यूपी में एग्री बिजनेस की अपार संभावनाएं हैं। यहां पर मेहनतकश किसान, पानी भरपूर होने के साथ ही बड़ा राज्य भी है। हौसला रखकर आगे बढ़िए यही रास्ता है बड़ा बनने का और देश के विकास का। प्रदेश के सीएम और मुख्यसचिव से कहा कि वह बड़ी कंपनी के साथ एमएसएमई इंडस्ट्री क्या हो सकती है इसकी पहचान करें।
उन्होंने कहा कि यूपी में सबसे कम सहकारिता है जबकि इस क्षेत्र में सबसे अधिक संभावना यह है। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी विचार व्यक्त किए। स्वागत एमएसएमई मंत्री राकेश सचान और धन्यवाद सहकारिता राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार जेपीएस राठौर ने ज्ञापित किया।