रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने अमेरिका और यूरोपीय यूनियन को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर फिनलैंड या स्वीडन नाटो में शामिल होने का फैसला करते हैं तो रूस बाल्टिक देशों और स्कैंडिनेविया के करीब परमाणु हथियार तैनात करेगा।
‘रूस को सीमाओं को सुदृढ़ करना होगा’
2008 से 2012 तक रूस की सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष और राष्ट्रपति मेदवेदेव ने टेलीग्राम पर लिखा है कि यदि ये देश नाटो में शामिल हो गए तो यह नाटो सदस्यों के साथ रूस की भूमि सीमा को दोगुना से अधिक कर देगा। ऐसे में स्वाभाविक रूप से, हमें इन सीमाओं को सुदृढ़ करना होगा।पूर्व राष्ट्रपति ने कहा है कि इस मामले में बाल्टिक नॉन-न्यूक्लियर स्थिति के बारे में और बात करना संभव नहीं होगा। संतुलन बहाल करना होगा। रूस इस क्षेत्र में परमाणु हथियार तैनात करने का हकदार होगा। रूस अपने जमीनी बलों और हवाई सुरक्षा के समूह को गंभीरता से मजबूत करेगा और फिनलैंड की खाड़ी में महत्वपूर्ण नौसैनिक बलों को तैनात करेगा।
‘पश्चिमी हिस्से को मजबूत करेगा रूस’
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने मामले को लेकर मीडिया से बातचीत में कहा कि इस बारे में कई बार बात की गई है और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने नाटो की बढ़ती सैन्य क्षमता के कारण हमारे पश्चिमी हिस्से को मजबूत करने पर एक आदेश जारी किया है। यह पूछे जाने पर कि क्या इस कदम में परमाणु हथियार शामिल होंगे? पेसकोव ने कहा कि मैं नहीं कह सकता लेकिन उपायों, आवश्यक कदमों की एक पूरी सूची होगी। इसे राष्ट्रपति द्वारा एक अलग बैठक में कवर किया जाएगा।
स्वीडन और फिनलैंड में चर्चा जारी
यूक्रेन में मास्को की सैन्य कार्रवाइयों ने सैन्य गुटनिरपेक्षता की लंबे समय से चली आ रही नीतियों को लेकर फिनलैंड और स्वीडन दोनों में सार्वजनिक और राजनीतिक राय में नाटकीय रूप से यू-टर्न ले लिया है। फिनलैंड ने कहा कि इस सप्ताह तय होगा कि नाटो सदस्यता के लिए हफ्तों के भीतर आवेदन करना है या नहीं और स्वीडन भी सदस्यता पर चर्चा कर रहा है।