लखनऊ। भू-सम्पदा सेक्टर में उपभोक्ताओं के हितों का संरक्षण तथा व्यवसायिक पद्वतियों और संव्यवहारों में एकरूपता और मानकीकरण के दृष्टिगत सरकार द्वारा भू-सम्पदा (विनियमन एवं विकास) अधिनियम, 2016 बनाया गया है। भू-सम्पदा अधिनियम के प्रभावी होने के उपरांत संप्रवर्तक/विकासकर्ता भू-सम्पदा परियोजना को उ.प्र. रेरा में पंजीकृत कराये बिना विज्ञापित, विपणित, बुक, विक्रय या विक्रय करने की प्रास्थापना अथवा क्रय के लिए व्यक्तियों को आमंत्रित नहीं कर सकता है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए अध्यक्ष उ0 प्र0 भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण(रेरा) संजय आर भूसरेडडी ने बताया कि किसी भी उत्पाद के विक्रय में विज्ञापन/प्रचार-प्रसार की अहम भूमिका होती है। उपभोक्ता तक प्रमाणिक तथा वास्तविक उत्पाद पहुँचाने के लिए सत्य एवं सटीक विज्ञापन किया जाना आवश्यक है। भू-सम्पदा (विनियमन एवं विकास) अधिनियम-2016 की धारा-25 के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए उपभोक्ताओं के हितों की संरक्षा के दृष्टिगत भू-सम्पदा परियोजनाओं के पंजीयन के उपरान्त तत्संबंधी विज्ञापन को प्रमाणिक बनाने हेतु परियोजना के प्रचार-प्रसार में नियम व शर्ते निर्धारित की गयी है, जिसके अन्तर्गत प्रत्येक प्रचार सामग्री जैसे कि प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया, आवेदन पत्र, आवंटन पत्र, ब्रोशर, बीबीए आदि में पंजीकरण प्रमाणपत्र (फॉर्म सी) में दिया गया क्यूआर कोड.रेरा, पंजीकरण संख्या (UPRERAPRJ……….), प्राधिकरण की वेबसाइट (https://www.up.rera.in) तथा

परियोजना Collection Bank Account No. सहित परियोजना के पंजीयन हेतु निर्गत फॉर्म-सी प्रमाण-पत्र को प्रधान कार्यालय, साइट कार्यालय और ग्राहक संबंध प्रबन्धक कार्यालय पर अधिमानतः ।3 आकार के फोटो फ्रेम में प्रदर्शित किया जायेगा।