ज्योतिषाचार्य पं.अविनाश मिश्र शास्त्री
कोई भी व्यक्ति कर्ज के बोझ में नहीं दबना चाहता, लेकिन कई बार ऐसी परिस्थितियां आ जाती हैं, जिसके आगे मजबूर होकर कर्ज लेना पड़ जाता है। लगातार बढ़ते कर्ज की वजह से व्यक्ति मानसिक तनाव में भी रहने लगता है। कभी-कभी कर्ज का बोझ इतना हो जाता है व्यक्ति को समझ नहीं आता क्या करे। ऐसे में आपकी परेशानी का कारण आपके घर का वास्तु भी हो सकता है। घर का वास्तु सही नहीं होने की वजह से तमाम तरह की परेशानियां बढ़ने लगती हैं। वास्तु के अनुसार चलिए जानते हैं कि आखिर वो कौन सी वजह है जिसकी वजह से कर्ज बढ़ता है!
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की वायव्य दिशा में वास्तु दोष होने पर कर्ज लेने की स्थिति उत्पन्न होती है। इसकी वजह से व्यक्ति बिना आवश्यकता के ही कर्ज के चक्कर में फंस जाता है। घर के अग्निकोण (दक्षिण-पूर्व) में वास्तु दोष होने पर खर्चे इतने बढ़ जाते हैं कि कर्ज चुकाना मुश्किल हो जाता है। कभी-कभी तो प्रतिष्ठा भी दाव पर लग जाती है।
वहीं घर की ईशान दिशा (उत्तर-पूर्व ) में वास्तु दोष होने पर घर का मुखिया गलत मार्गदर्शन से कर्ज के चक्कर में फंसता है। ईशान दिशा में वास्तु दोष के कारण शेयर मार्केट, जुआ ,सट्टा, लाटरी से धन कमाने के लालच में कई लोग बिना बात ही कर्जदार बन जाते हैं।
वास्तु के अनुसार, यदि घर के मुखिया का बेडरूम वायव्य दिशा में हो तो इससे व्यवसाय में हानि होने लगती है, जिसकी वजह से कर्ज लेने की स्थिति उत्पन्न होने लगती है।
वास्तु के अनुसार, घर में बाथरूम दक्षिण-पश्चिम हिस्से में नहीं होना चाहिए। कहा जाता है कि इस दिशा में बाथरूम होने से कर्ज में डूब सकते हैं। यदि दक्षिण-पश्चिम में बाथरूम बन गया हो तो उसके कोने में एक कटोरी में नमक भरकर रख दें। इससे वास्तु दोष दूर होता है।
कुछ लोग खाना खाने के बाद बर्तन जूठे ही छोड़ देते हैं। जबकि वास्तु के अनुसार, ऐसा करना अशुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इससे धन की हानि होती है और कर्ज के साथ दरिद्रता भी बढ़ती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि अपने लोन या कर्ज लिया है, तो उसकी पहली किस्त मंगलवार के दिन चुकानी चाहिए। कहा जाता है कि ऐसा करने से कर्ज से बहुत जल्दी छुटकारा मिल सकता है।
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