शुरु हो रहा है चोर पंचक इसलिए पंचकों में नहीं करने चाहिए ये पांच काम
15 जुलाई 2022 शुक्रवार से पंचक का आरंभ हो रहा है और इसकी समाप्ति 20 जुलाई बुधवार को होगी.
इस समय पर लगने वाला पंचक चोर पंचक होगा ऎसे में अपने सामान एवं अन्य वस्तुओं का रखें विशेष ध्यान. हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर महीने में कुछ 5 दिन ऎसे होते हैं जिन्हें पंचक कहा जाता है और इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए.वैदिक ज्योतिष में, शुभ काल, जिसे मुहूर्त के रूप में भी जाना जाता है, हमेशा किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले माना जाता है. मुहूर्त की गणना पंचांग या हिंदू कैलेंडर की सहायता से की जाती है. मुहूर्त की गणना करते समय ध्यान देने योग्य एक अन्य कारक पंचक है. वैदिक ज्योतिष में पंचक के महत्व को विशेष स्थान प्राप्त है.
घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद एवं रेवती यह नक्षत्र मिलकर बनाते हैं पंचक
इस अवधि को कुछ शुभ कार्यों को करने के लिए एक अच्छा समय नहीं माना जाता है. इसलिए किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले पंचक काल का निर्धारण करना जरूरी है. पंचक भी 5 प्रकार के होते हैं – रोग पंचक, अग्नि पंचक, राज पंचक, चोर पंचक और मृत्यु पंचक. इन सभी पांच पंचों में से अधिकांश लोग मृत्यु पंचक से सबसे ज्यादा डरते हैं. इसे सबसे खतरनाक माना जाता है क्योंकि यदि किसी परिवार में मृत्यु पंचक के समय किसी की मृत्यु हो जाती है तो माना जाता है कि उस परिवार के पांच लोगों की मृत्यु हो जाती है.
पंचक के दौरान कोई अच्छा काम नहीं होता है और बहुत सावधानी बरतने की जरूरत होती है. इस दौरान व्यक्ति को कोई भी शुभ कार्य या काम काज का आरंभ नहीं करना चाहिए. साथ ही अपने स्वास्थ्य का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए
पंचक आरंभ समय
पंचक प्रारंभ : शुक्रवार, 15 जुलाई 2022 28:17
पंचक समाप्त : बुधवार, 20 जुलाई 2022 दोपहर 12:51 बजे
पंचक के दौरान कभी न करें ये काम
पंचक के दौरान लकड़ी या लकड़ी से संबंधित सामान नहीं खरीदा जाता है. इस समय चीजों की खरीदारी फिर पांच बार करने की संभना रहती है सामान खो सकता है या खराब हो सकता है.
पंचक में घर की छत नहीं बनानी चाहिए. इस समय घर की छत डालने से उसके खराब होने की संभावना अधिक होती है तथा उसे बार बार मरम्मत की जरुरत पड़ सकती है.
पंचक के दौरान बिस्तर और सोफे जैसी फर्नीचर की चीजें नहीं खरीदी जाती हैं.
पंचक के दौरान दक्षिण दिशा में यात्रा करना अशुभ माना जाता है.
यदि इस दौरान किसी की मृत्यु हो जाती है तो उसका अंतिम संस्कार ब्राह्मण से पूछकर ही किया जाता है. इस दौरान परिवार में पांच की मौत होने की संभावना है. इसलिए पुजारी परिवार के अन्य सदस्यों की रक्षा के लिए अलग-अलग तरीकों से अंतिम संस्कार करते हैं.
पंचक के समय अगर कोई काम करना बहुत अधिक जरुरी भी होता है तो इस समय पंचक शांति के बाद ही काम करना शुरु करें. पंचक शांति होने पर चीजें कुछ सकारतमक रुप से साथ देने में सक्षम होती है.