भारत-पाकिस्तान में संघर्ष के दौरान इसरो की भूमिका किसी से छिपी नहीं है, इसरो की सैटेलाइट ने भारतीय सेना के जवानों को दुश्मन की सटीक जानकारी दी, जिससे न सिर्फ उन्हें दुश्मन के ठिकानों पर हमला करने में मदद मिली, बल्कि अपनी सुरक्षा करने में भी सहयोग मिला। हाल ही में पाकिस्तान के साथ हुए टकराव में इसरो ने भारतीय सेना की काफी मदद की थी। उसके दस सेटेलाइटों ने पाकिस्तान की सेना की पोजीशन की जानकारी भारतीय सेना को उपलब्ध कराई। इसरो के सैटेलाइट रात के समय साफ पिक्चर नहीं ले पा रहे थे। इस कारण से पाकिस्तान की सेना की रात की मूवमेंट की जानकारी के लिए सेना दूसरे सोर्सो पर निर्भर थी लेकिन अब इसरो इस कमी को भी पूरी करने वाला है। इसरो का एक और जासूसी सैटेलाइट लॉन्चिंग के लिए तैयार है।EOS-09 (RISAT-1B) सैटेलाइट मिशन को 18 की सुबह 6 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जाएगा। इस सैटेलाइट के ज़रिए भारत अपनी सीमाओं और तटीय क्षेत्रों को दिन के अलावा रात के समय भी, और हर मौसम में बिना किसी अवरोध के निगरानी करने में सक्षम रहेगा, ये सैटेलाइट भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों की, बादलों के बीच से भी हाई-रिज़ॉल्यूशन रडार इमेजरी प्रदान करेगा,..इसका मुख्य उद्देश्य कृषि, वन निगरानी, आपदा प्रबंधन, शहरी योजना और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में मदद करना है।EOS-09 (RISAT-1B) सैटेलाइट का वजन लगभग 1,696 किलोग्राम है. इसे PSLV-C61 के ज़रिए पृथ्वी से लगभग 500 किलोमीटर की ऊंचाई पर सूर्य तुल्यकालिक ध्रुवीय कक्षा (Sun synchronous polar orbit) में स्थापित किया जाएगा , ISRO के इस कदम से भारत की सुरक्षा को और मज़बूती मिलेगी, मौजूदा अहलात में काफी अहम माना जा रहा है।