लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने गुरुवार को अपनी एक दिवसीय बिहार यात्रा के दौरान दरभंगा में आयोजित ‘शिक्षा न्याय संवाद’ कार्यक्रम में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए देश की मौजूदा सत्ता व्यवस्था पर तीखा हमला बोला और जातीय जनगणना तथा निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण की मांग को दोहराया।राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि देश की 90 प्रतिशत आबादी, जिसमें दलित, पिछड़े, अति पिछड़े और आदिवासी शामिल हैं, को जानबूझकर शिक्षा और सत्ता से वंचित किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “देश में 24 घंटे दलितों, पिछड़ों, अति पिछड़ों और आदिवासियों पर अत्याचार होता है। उन्हें शिक्षा के सिस्टम से भी रोका जाता है। यह अन्याय अब नहीं चलेगा।”
कांग्रेस की तीन प्रमुख मांगें
राहुल गांधी ने कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस की तरफ से सरकार के सामने तीन प्रमुख मांगों को स्पष्ट रूप से रखा:देशव्यापी जातीय जनगणना कराई जाए, ठीक उसी तरह जैसे तेलंगाना में कराई गई है।निजी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में आरक्षण की व्यवस्था लागू की जाए।शोषित वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सरकारी नीतियों में बड़ा बदलाव लाया जाए।उन्होंने कहा कि भारत की कुल आबादी में ये वर्ग करीब 90 प्रतिशत हैं, लेकिन सरकार और नौकरशाही में इनकी भागीदारी लगभग शून्य है। “यह असमानता अब और नहीं सहनी चाहिए,” उन्होंने कहा।
भाजपा पर सीधा हमला
राहुल गांधी ने भाजपा सरकार पर भी सीधे निशाना साधा। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हमने संविधान के नाम पर जातीय जनगणना कराने को कहा था। जब जनता का दबाव पड़ा, तब जाकर उन्होंने इसकी घोषणा की, लेकिन हकीकत में भाजपा लोकतंत्र और संविधान विरोधी है। यह सरकार अमीरों की है, और 90 प्रतिशत गरीबों और पिछड़े वर्गों के खिलाफ काम करती है।”
छात्रों को मिला भरोसा
राहुल गांधी ने छात्रावासों में रहने वाले छात्रों की दुर्दशा का जिक्र करते हुए कहा, “मैं जानता हूं कि इन हॉस्टलों में क्या होता है। मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि जब हमारी सरकार बनेगी, तो इन परिस्थितियों को बदलेंगे। शिक्षा, सम्मान और भागीदारी का जो हक़ है, वह आपको मिलेगा।” उन्होंने आगे कहा, “पुलिस ने हमें रोकने की कोशिश की, लेकिन आपकी ताकत मेरे पीछे थी, इसलिए कोई हमें नहीं रोक सकता। यह आपकी आवाज है, जो आज देश में गूंज रही है।”