पाकिस्तान से जुड़ी हालिया घटनाओं पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदम सिर्फ दिखावा हैं और इससे देश की जनता को संतोष नहीं मिल सकता। अल्वी ने स्पष्ट कहा कि जनता अब केवल शब्दों से नहीं, ठोस कार्रवाई से संतुष्टि चाहती है।
अल्वी ने सुषमा स्वराज और पीएम मोदी को किया याद
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के यूट्यूब चैनल पर बैन और पाकिस्तानी मंत्री अत्ताउल्ला तारार के ‘एक्स’ अकाउंट को ब्लॉक किए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए अल्वी ने कहा कि सरकार चाहे जो करे, लेकिन देश के लोग ‘बदला’ चाहते हैं। उन्होंने पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के उस बयान का उल्लेख किया जिसमें उन्होंने कहा था, “अगर एक भारतीय मारा जाएगा, तो हम दस सिर लाएंगे।” अल्वी ने पूछा, “प्रधानमंत्री मोदी भी यही कहा करते थे, तो अब देश इंतजार कर रहा है कि वह पाकिस्तान को सबक कब और कैसे सिखाएंगे।”
सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल को बताया अनुचित
जब उनसे चरणजीत सिंह चन्नी के सर्जिकल स्ट्राइक संबंधी बयान को लेकर सवाल किया गया तो अल्वी ने साफ कहा कि इस समय ऐसे सवाल उठाना अनुचित है। उन्होंने कहा, “पहलगाम में हमारे 26 जवान शहीद हुए हैं। ऐसे में पूरा देश सरकार की ओर देख रहा है कि अब क्या ठोस कार्रवाई होगी।” उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को “छोटे और सतही” बताया और आरोप लगाया कि सरकार इस गंभीर मुद्दे को जाति जनगणना जैसे राजनीतिक मुद्दों के नीचे दबाने की कोशिश कर रही है।
भाजपा पर सेना के राजनीतिकरण का आरोप
भाजपा द्वारा कांग्रेस पर सेना का मनोबल तोड़ने के आरोप पर भी राशिद अल्वी ने पलटवार किया। उन्होंने कहा, “1965 में जब हमारी सेना लाहौर तक पहुंच गई थी और 1971 में जब पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए गए थे, तब सरकार कांग्रेस की थी। सेना भारत की है, किसी पार्टी की नहीं।” उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा इस संकट की घड़ी में भी देश को बांटने की राजनीति कर रही है।
नवाज़ शरीफ के ‘बिरयानी प्रकरण’ पर भाजपा को घेरा
सीडब्ल्यूसी को पीडब्ल्यूसी (पाकिस्तान वर्किंग कमेटी) कहने पर भाजपा को घेरते हुए अल्वी ने पूछा, “बिना प्रोटोकॉल के नवाज शरीफ के घर बिरयानी खाने कौन गया था?” उन्होंने कहा कि इस समय कांग्रेस से लड़ने के बजाय भाजपा को पाकिस्तान से लड़ने की बात करनी चाहिए। “जिस तरह से भाजपा कांग्रेस से लड़ाई में व्यस्त है, वह इस दुख की घड़ी में देश के साथ विश्वासघात जैसा है। देश इसे माफ नहीं करेगा।”
पाकिस्तान के बयानों को बताया ‘गीदड़ भभकी’
पाकिस्तानी मंत्री ख्वाजा आसिफ के सिंधु नदी पर बयान पर अल्वी ने पाकिस्तान को इतिहास याद दिलाया। उन्होंने कहा कि “अगर 1965 में युद्ध न रुका होता, तो हम लाहौर पर कब्जा कर चुके होते। 1971 में हमने पाकिस्तान को तोड़ दिया, और कारगिल में भी उन्हें करारा जवाब दिया।” उन्होंने पाकिस्तानी नेताओं की धमकियों को “गीदड़ भभकी” करार दिया।
बिलावल भुट्टो और आतंकवाद पर भी साधा निशाना
अल्वी ने बिलावल भुट्टो के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी और कहा कि “पाकिस्तान का आतंकवाद से रिश्ता कोई नई बात नहीं है। कसाब के मामले में भी पाकिस्तान ने शुरुआत में झूठ बोला, लेकिन भारत ने सबूतों से सच्चाई दुनिया के सामने रख दी।”