6 मई 2025 देर रात भारत, भारतीय वायु सेना ने बहावलपुर, मुरीदके, कोटली और मुजफ्फराबाद जैसे आतंकी ठिकानों पर राफेल जेट से हवाई हमले किए, जो लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों के गढ़ थे। जानकारी के अनुसार, भारत ने इस ऑपरेशन में राफेल लड़ाकू विमानों से ली गई SCALP क्रूज मिसाइलों और AASM हैमर बमों का इस्तेमाल किया है।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि हमले “सटीक और अकारण” किए गए तथा इनमें किसी भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया। इस कार्रवाई को अंजाम देने वाली SCALP मिसाइल की बात करें तो इसे ब्रिटेन में स्टॉर्म शैडो कहा जाता है, जो एक फ्रांसीसी-ब्रिटिश क्रूज मिसाइल है। भारत ने 2016 में 36 राफेल जेट विमानों के सौदे के साथ यह उपलब्धि हासिल की। यह मिसाइल राफेल से प्रक्षेपित की जाती है और दूर के लक्ष्यों को बिना चूके नष्ट कर सकती है।
इसकी गति कितनी है?
इस मिसाइल का वजन 1300 किलोग्राम और लंबाई 5.1 मीटर है। यह 1050 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से उड़ता है, लेकिन सबसोनिक रहता है, जिससे इसकी स्थिरता और सटीकता बेजोड़ हो जाती है। SCALP की मारक क्षमता 500 से 600 किलोमीटर है, जिसका अर्थ है कि भारत अपनी सीमा से ही POK या पाकिस्तान के अंदरूनी ठिकानों को निशाना बना सकता है। इसका 450 किलोग्राम का ब्रॉच वारहेड पहले मोटी दीवारों या बंकरों को चीरता है, फिर अंदर विस्फोट कर देता है। SCALP की गुप्त विशेषता इसे विशेष बनाती है। यह लक्ष्य के निकट केवल 50 मीटर की ऊंचाई पर उड़ता है, इसलिए पाकिस्तान का एचक्यू-9 रडार इसका पता नहीं लगा पाता।इसका नेविगेशन सिस्टम जीपीएस, इनर्शियल नेविगेशन और टेरेन रेफरेंस सिस्टम पर चलता है, जो पहाड़ी इलाकों में भी सही रास्ता दिखाता है। इन्फ्रारेड सीकर और स्वचालित लक्ष्य पहचान क्षमता इसे खराब मौसम या इलेक्ट्रॉनिक जामिंग में भी सटीक बनाती है। प्रत्येक राफेल दो SCALP मिसाइलें ले जा सकता है, और यह दिन और रात सहित सभी मौसम की स्थिति में काम कर सकता है।
AASM हैमर का भी प्रयोग किया गया
भारतीय सेना ने SCALP के साथ-साथ राफेल जेट से प्राप्त AASM हैमर बम का भी इस्तेमाल किया। यह एक फ्रांसीसी स्मार्ट बम है, जिसे सफ्रान कंपनी ने बनाया है। ये बम 70-100 किलोमीटर की दूरी तक गतिशील एवं छोटे लक्ष्यों को निशाना बनाने में सक्षम माने जाते हैं। हैमर में जीपीएस और लेजर गाइडेंस सिस्टम है, जो इसे हर मौसम में सटीक बनाता है। ऑपरेशन सिन्दूर में, SCALP ने बड़े आतंकवादी शिविरों को नष्ट कर दिया, जबकि हैमर ने सहायक संरचनाओं या गतिशील लक्ष्यों को नष्ट कर दिया।
भारत की सैन्य रणनीति को मजबूती मिलेगी
स्कैल्प मिसाइल कई मायनों में भारत की सैन्य रणनीति को मजबूत करती है। इसकी 500-600 किलोमीटर की रेंज और स्टेल्थ क्षमताएं भारत को दूर से हमला करने की अनुमति देती हैं, जिससे राफेल जेट को दुश्मन की वायु रक्षा प्रणालियों के करीब जाने की आवश्यकता नहीं होती। ऑपरेशन सिंदूर में इसने नागरिकों को नुकसान पहुंचाए बिना आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया। 2020 में लद्दाख तनाव के दौरान, SCALP से लैस राफेल जेट ने गहरी मारक क्षमता दिखाई। अब अंबाला और हाशिमारा में तैनात राफेल स्क्वाड्रन SCALP के साथ भारत की सीमाओं को और अधिक सुरक्षित कर रहे हैं।
वहीं, हैमर, हालांकि स्कैल्प जितनी लंबी दूरी तक नहीं चल सकता, लेकिन इसकी सटीकता और लचीलापन इसे छोटे और गतिशील लक्ष्यों को नष्ट करने में सक्षम बनाता है। ऑपरेशन सिंदूर में हैमर और स्कैल्प के संयोजन ने भारत के हमले को और अधिक प्रभावी बना दिया। ये दोनों हथियार भारत की स्वदेशी मिसाइलों, जैसे ब्रह्मोस और निर्भय, के साथ मिलकर एक मजबूत रक्षा प्रणाली बनाते हैं। स्कैल्प और हैमर भारत की ताकत बढ़ाते हैं।