भारतीय सेना ने सात मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी ठिकानों पर बड़ा हमला किया। इस ऑपरेशन में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया और कई बड़े आतंकवादी मारे गए। सबसे अहम बात यह रही कि इस हमले में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के चीफ मसूद अजहर का साला मो. यूसुफ अजहर मारा गया।
कौन था यूसुफ अजहर?
मो. यूसुफ अजहर न सिर्फ मसूद अजहर का रिश्तेदार था, बल्कि जैश-ए-मोहम्मद का बड़ा ऑपरेशनल कमांडर भी था। वह आतंकियों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग देता था और जम्मू-कश्मीर में कई बड़े आतंकी हमलों में शामिल रहा। सबसे कुख्यात उसकी भूमिका 1999 में हुई इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट आईसी-814 के अपहरण में रही, जिसे काठमांडू से दिल्ली आते वक्त हाईजैक कर लिया गया था। उस घटना में भारत को मजबूरी में तीन बड़े आतंकियों को रिहा करना पड़ा था- जिनमें मसूद अजहर और ब्रिटिश-पाकिस्तानी आतंकी उमर शेख भी शामिल थे। यूसुफ अजहर पर इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर रखा था।2002 में अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या के मामले में भी अप्रत्यक्ष रूप से यूसुफ अजहर का नाम जुड़ा हुआ था। डेनियल पर्ल के पिता जुडिया पर्ल ने इस ऑपरेशन के बाद कहा कि यूसुफ का संगठन जैश-ए-मोहम्मद उस समय डेनियल के अपहरण के लिए जिम्मेदार उमर शेख की रिहाई में अहम भूमिका में था। उन्होंने कहा, ‘हालांकि यूसुफ सीधे मेरे बेटे के अपहरण में शामिल नहीं था, लेकिन उसी ने उस हाईजैकिंग की साजिश रची थी जिससे उमर शेख रिहा हुआ और बाद में डेनियल पर्ल का किडनैपर बना।’
बहावलपुर: आतंक की फैक्ट्री
पूर्व पत्रकार और डेनियल पर्ल की साथी असरा नोमानी ने भी भारत की इस कार्रवाई का समर्थन किया। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के बहावलपुर शहर को आतंकवादी तैयार करने का अड्डा बनाया गया है। उन्होंने कहा, ‘जब मैंने सुना कि भारत ने बहावलपुर में आतंकियों के ठिकानों पर बमबारी की, तो मुझे वही शहर याद आया जहां मेरे दोस्त डेनियल पर्ल ने 2001 में रिपोर्टिंग की थी। बहावलपुर जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ है।’ बहावलपुर में जैश का मुख्यालय ‘मरकज सुब्हान अल्लाह’ है, जो 2015 से सक्रिय है। यहीं मसूद अजहर और उसका परिवार रहता है। इस सेंटर को 2019 के पुलवामा हमले समेत कई आतंकी हमलों से जोड़ा गया है।
पाकिस्तान की नीतियों पर सवाल
असरा नोमानी ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि उसने अपने ही आतंकियों को कभी भी काबू में नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘उमर शेख और मसूद अजहर जैसे आतंकियों को पाकिस्तान ने जेल में डालने के बजाय सरकारी सुरक्षा में रखा। उन्होंने न सिर्फ भारत, बल्कि पाकिस्तान के भीतर भी निर्दोष लोगों पर हमले किए।’ उन्होंने भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की तारीफ करते हुए कहा, ‘पाकिस्तान को खुद अपने इन आतंकी अड्डों को खत्म करना चाहिए था। अब भारत ने जो किया है, वह रणनीतिक तौर पर सही कदम है।’
आतंकवाद के खिलाफ भारत का सख्त संदेश
भारतीय सेना का यह ऑपरेशन साफ संकेत देता है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ सीधी कार्रवाई के रास्ते पर है। इस बार न सिर्फ आतंकियों को निशाना बनाया गया, बल्कि उनके परिवार और मुख्यालय तक पहुंच कर उन्हें सबक सिखाया गया। बहावलपुर और मुजफ्फराबाद जैसे इलाकों में आतंकवादी ठिकानों पर बमबारी करके भारत ने यह भी दिखा दिया कि अब वह सिर्फ बचाव नहीं, बल्कि हमला करेगा।