वाशिंग पिट व इंजनों के शंटिंग के कारण अक्सर बंद रहता है गेट ।
एसएसबी फोर्स ,अस्पताल, बैंक, डाकघर बाजार, स्कूल स्टेशन आदि जाने वाले घंटों फंसे रहते हैं जाम में ।
विजय श्रीवास्तव
बढ़नी ।
समय का कितना बड़ा मूल जीवन में होता है इसको हम सभी जानते हैं लेकिन शायद रेलवे विभाग इस बात से अनुभाग्य है कि क्रॉसिंग का गेट बंद होने से लोगों का कितना समय बर्बाद होता है और कितने लोगों के कम
छूट जाते हैं। बढनी का पश्चिमी रेलवे फाटक ज्यादातर समय बंद रहता है जिससे लोगों को प्रतिदिन क्रासिंग पर घंटों जाम की समस्या से जूझना पड़ रहा है दो दिन पहले जाम मे एम्बुलेंस फंस गयी जिसे समय से निकाला नहीं जा सका । छात्र, व्यापारी बाजार करने वाले बैंक व स्टेशन व नेपाल जाने वाले सभी अक्सर परेशान रहते हैं यहां तक सीमा की सुरक्षा करने वाले जवानों की गाड़ियां भी आये दिन जाम की शिकार होती रहती हैं। इस समस्या पर कोई गंभीर चिंतन करके आवाज उठाने वाला नहीं दिखता है यदा कदा मीडिया में जाम से हलकान की ख़बरें आती रहती हैं।
जानकार बताते है इस रूट पर गाड़ियों की संख्या बढने ,वाशिंग पिट बनने ,बढनी से ही वापस होने वाली गाड़ियों के इंजन का रूख बदलने हेतु गेट बंद कर शंटिंग करने से गेट अक्सर बंद रहता है ।
स्थानीय राजनीतिक लोगों के विरोध पर यहां से पास (सेंक्शन)ओवर ब्रिज अन्यत्र चले जाने पर बढनी क्षेत्र के दर्जनों बुद्धिजीवियों में गुस्सा साफ देखा जा सकता है जाम की समस्या से निजात हेतु रेलवे अपने बाजार, स्टेशन वाली सड़क को चौड़ा कर डबल डिवाइडर करके , क्रासिंग पर एक मात्र ओवर ब्रिज या अंडर पास बनाना ही इस समस्या का निदान है।