
विद्युत आपूर्ति में व्यवधान और उपभोक्ताओं की समस्याओं के समाधान में शिथिलता बर्दाश्त नही की जाएगी
जनप्रतिनिधियों द्वारा उपभोक्ताओं से रिश्वत मांगने की शिकायत पर ऊर्जा मंत्री ने विद्युत कार्मिकों को दी सख्त चेतावनी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नगर विकास और ऊर्जा मंत्री ए0के0 शर्मा ने विद्युत कार्मिकों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि भीषण गर्मी में अनावश्यक विद्युत व्यवधान बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उपभोक्ताओं की समस्याओं के समाधान में शिथिलता स्वीकार नहीं होगी। उन्होंने जनप्रतिनिधियों द्वारा उपभोक्ताओं से रिश्वत मांगने की शिकायत करने पर कहा कि साबूत लायें ऐसे विद्युत कार्मिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।
ऊर्जा मंत्री ए0के0 शर्मा मंगलवार को वाराणसी के सर्किट हाउस में पूर्वांचल डिस्कॉम के विद्युत कार्यों, निर्बाध आपूर्ति, ट्रिपिंग, लोबोल्टेज तथा शटडाउन लेने आदि व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विगत 03 वर्षों में आरडीएसएस, विजनेस प्लान और अन्य मदों से विद्युत व्यवस्था को सुदृढ़ करने का कार्य किया गया। उपभोक्ताओं को अनवरत विद्युत आपूर्ति के लिए अनुरक्षण कार्य कराया गया। इन सब के बाद भी विद्युत आपूर्ति में बहानेबाजी और बेवजह शटडाउन लेकर उपभोक्ताओं को भीषण गर्मी में परेशान करने का कार्य किसी भी रूप में लोकहित में नही है। वाराणसी में 1600 करोड़ रुपये के कार्य कराये गये। बांस-बल्ली को हटाकर विद्युत पोल लगाने का कार्य कराया गया अब बांस-बल्ली में विद्युत संचालन की बातें स्वीकार नहीं की जायेगी। नये कनेक्शन देने में देरी और अनावश्यक अड़ंगा भी बर्दाश्त नहीं होगा। झटपट पोर्टल को और अधिक उच्चीकृत किया गया है।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि ट्रांसफार्मर और पोल को विवादित जगहों और किसी के दरवाजे के सामने स्थापित न किया जाए और न किसी के कहने पर दूसरे के खाली प्लाटों पर लगाया जाए, जिससे कि विवाद की जड़ बने। रास्तों के बीचोबीच भी न लगाया जाय, जिससे आने-जाने में परेशानी हो। घरों एवं विद्यालयों के ऊपर से जाने वाले खुले तारों का भी प्रबंध किया जाए। जहां पर जोखिम अधिक हो उसका तुरंत समाधान करायें। उन्होंने कहा जहां कहीं से भी जर्जर लाइन, जर्जर पोल या झूलते हुए तार या टेढ़े पोल की शिकायतें आयें तत्काल उसका समाधान करायें, जिससे विद्युत दुर्घटनाएं रोकी जा सकें। उन्होंने कहा कि विद्युत ट्रिपिंग और लोवोल्टेज की समस्या नहीं होनी चाहिए। जहां कही पर भी ज्यादा लोड हो उस ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि करायें तथा ऐसे क्षेत्रों में नियमित रूप विद्युत चोरी की जांच की जाए।
प्रबंध निदेश पूर्वांचल ने वाराणसी के विद्युत संबंधी प्रस्तुतिकरण में कहा कि यहां का कुल विद्युत लोड अभी 2152 मेगावॉट है और 2030 तक 2976 मेगावॉट होने की संभावना है, जिसके लिए कार्य किया जा रहा है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 1400 करोड़ रुपये के कार्य स्वीकृत हुए हैं, जिसमें विद्युत लाइन के अण्डरग्राउण्ड कराने, बांस-बल्ली को हटाकर विद्युत पोल लगाने, नये सब स्टेशन बनाने, पावर ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि कार्य कराये जायेंगे।
बैठक में विधायक वाराणसी कैण्ट सौरभ श्रीवास्तव, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या, जिलाधिकारी, प्रबंध निदेशक पूर्वांचल, महानगर अध्यक्ष प्रदीप अग्रहरि एवं विभाग अन्य अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।