लखनऊ: मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में लंबित आवासीय, व्यावसायिक एवं औद्योगिक परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा हेतु एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक का मुख्य उद्देश्य परियोजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही समस्याओं का त्वरित निस्तारण सुनिश्चित करना था।
अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने आवास विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी विकास प्राधिकरणों द्वारा रियल एस्टेट परियोजनाओं के स्वीकृत किए जाने वाले सभी मानचित्रों की एक प्रति रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) को अनिवार्य रूप से भेजी जाए। इससे रेरा परियोजनाओं के पंजीकरण की प्रक्रिया को प्रभावी ढंग से ट्रैक कर सकेगा और परियोजनाओं की गुणवत्ता व समयबद्धता को सुनिश्चित किया जा सकेगा।
उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि मानचित्र स्वीकृति पत्र (सैंक्शन लेटर) में यह उल्लेख किया जाए कि डेवलपर को तीन माह के भीतर परियोजना को रेरा में पंजीकृत करवाकर प्राधिकरण को सूचित करना होगा। उन्होंने कहा कि श्एग्रीमेंट फॉर सेलश् को पंजीकृत करने और रजिस्ट्री की व्यवस्था को ऑनलाइन होनी चाहिये। साथ ही, फ्लैट की सेल डीड में रेरा पंजीकरण संख्या को अंकित करना अनिवार्य किया जाए, ताकि पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।
बैठक में प्रमुख सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आलोक कुमार, प्रमुख सचिव राजस्व एवं आवास पी0गुरुप्रसाद, आवास आयुक्त डॉ0 बलकार सिंह सहित आवास विभाग एवं रेरा के वरिष्ठ अधिकारियों तथा वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से सभी विकास प्राधिकरणों के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।