केंद्र सरकार ने गुरुवार को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी साझा करने के लिए सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया। इस बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) में आतंकियों के 9 ठिकानों पर सफलतापूर्वक एयर स्ट्राइक की। भारतीय सेना ने बताया कि इन ठिकानों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया है।
बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन में 9 आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया और लगभग 100 आतंकवादी मारे गए। हालांकि, मारे गए आतंकियों की संख्या पर अभी पुख्ता जानकारी नहीं मिल पाई है, क्योंकि ऑपरेशन अभी भी जारी है।
ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य
ऑपरेशन सिंदूर को 22 अप्रैल को पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के बाद चलाया गया था, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी। इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना की कड़ी कार्रवाई के बाद दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सर्वदलीय बैठक में यह स्पष्ट किया कि भारत युद्ध नहीं चाहता, लेकिन अगर पाकिस्तान किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया देता है, तो भारत भी चुप नहीं बैठेगा।
सर्वदलीय बैठक का सारांश
सर्वदलीय बैठक के बाद केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में यह बैठक बहुत सकारात्मक रही, जिसमें सभी नेताओं ने गंभीरता से अपनी बात रखी। रक्षा मंत्री ने सभी नेताओं को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी दी, और इसके बाद सभी नेताओं ने सरकार और सेना का समर्थन करते हुए अपनी राय और सुझाव दिए।” उन्होंने कहा कि सभी नेताओं ने भारतीय सेना की कार्रवाई को सराहा और सरकार के साथ अपनी एकजुटता जताई।
विपक्ष की प्रतिक्रिया और अन्य सवाल
हालांकि, इस बैठक में विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गैरमौजूदगी पर सवाल भी उठाए। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बैठक के बाद कहा कि उनकी पार्टी ने सरकार को पूर्ण समर्थन दिया है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि संसद का विशेष सत्र बुलाकर इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा की जाए, ताकि सांसद अपने विचार रख सकें और जनता का विश्वास बढ़ सके। हालांकि, सरकार ने इस सुझाव पर फिलहाल कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दी।
इसके अलावा, इस बैठक में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और एनसीपी-एसपी नेता सुप्रिया सुले ने बठिंडा में जेट विमान गिरने को लेकर भी सवाल उठाए, जिसे लेकर अधिकारियों से जवाब तलब किया गया। इस बैठक ने भारतीय सेना की कार्रवाई और ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में राजनीतिक एकजुटता को दर्शाया, और यह संकेत दिया कि भारतीय सरकार और सेना को हर हाल में समर्थन प्राप्त है।