शनि कुंभ राशि से निकलकर मकर राशि में पहुंच गए हैं. अब अगले छह महीने तक शनि इसी राशि में रहने वाले हैं. 22 अक्टूबर तक शनि वक्री गति से चलेंगे. इसके बाद मकर राशि में ही मार्गी हो जाएंगे.
यानी शनि की चाल सीधी हो जाएगी. ऐसा कहते हैं कि शनि की चाल और शनि की नजरें इंसान के जीवन पर बड़ा प्रभाव डालती हैं. खासतौर से जो लोग घर में शनि की नियमित पूजा करते हैं, उन्हें एक बात का विशेष ख्याल रखना चाहिए.
घर में कभी भी शनि की ऐसी मूर्ति या चित्र नहीं रखना चाहिए जिनमें उनकी आंखें हों. दरअसल शनि की दृष्टि में नकारात्मकता है, इसलिए उनकी आंखों के सामने जाने से बचना चाहिए. ऐसा कहा जाता है कि शनि की टेढ़ी नजर जिस इंसान पर पड़ती है, उसका जीवन दुखों से भर जाता है. बीमारी, तनाव, कलेश और आर्थिक तंगी से जीवन नर्क के समान लगने लगता है.
घर में क्यों नहीं रखनी चाहिए शनि की मूर्ति?
ज्योतिषाचार्य शैलेंद्र पांडेय का कहना है कि शनि के भक्तों को कभी भी उनकी मूर्ति या चित्र के सामने दीपक प्रज्वलित नहीं करना चाहिए. ऐसा करने वाले शनि की नकारात्मक दृष्टि का शिकार हो सकते हैं. इससे उन्हें फायदे कम और नुकसान ज्यादा होंगे. यह एक गलती आपको कंगाली की राह पर धकेल सकती है. आप पाई-पाई के लिए मोहताज हो सकते हैं.
कैसे करें शनिदेव की पूजा?
शनि की आंखों वाली प्रतिमा या चित्र घर में रखने की बजाए उनका मानसिक रूप से ध्यान कीजिए. शनि के सामने दीपक जलाने की बजाए पीपल के पेड़ के नीचे दीप प्रज्वलित करें. या फिर पश्चिम दिशा की तरफ चेहर करके बैठिए. मानसिक रूप से शनि को प्रणाम कीजिए. शनिदेव की पूजा करिए और उनके मंत्रों का जाप कीजिए. लेकिन भूलकर भी शनि की मूर्ति, चित्र और यंत्र घर में ना रखें.