महाशिवरात्रि 2022
कल महाशिवरात्रि है. भोले भंडारी शिव की पूजा करना हर भक्त पसंद करता हैं, क्योंकि भगवान शिव भक्तों की भक्ति से जल्दी प्रसन्न होते हैं और उन्हें मनवांछित फल देते हैं, इसलिए हर भक्त भगवान शिव की कृपा प्राप्त करना चाहता हैं.
उसके लिए उसे प्रतिदिन शिवलिंग पर जल अर्पित करना चाहिए, लेकिन अगर शिवलिंग का अभिषेक राशि के हिसाब से किया जाए तो उसका महत्व बढ़ जाता हैं और इससे व्यक्ति की मनोकामना जल्द पूर्ण होती हैं. आइए जानते हैं किस तरह से राशिनुसार शिवलिंग का अभिषेक करने पर मनोकामना पूर्ण होती है…
- मेष- इस राशि के व्यक्ति जल में गुड़ मिलाकर शिव का अभिषेक करें. शक्कर या गु़ड की मीठी रोटी बनाकर शिव को भोग लगाएं. लाल चंदन व कनेर के फूल चढ़ावें.
- वृष- इस राशि के लोगों के लिए दही से शिव का अभिषेक शुभ फल देता है, इसके अलावा चावल, सफेद चंदन, सफेद फूल और अक्षत यानि चावल चढ़ाएं.
- मिथुन- इस राशि का व्यक्ति गन्ने के रस से शिव का अभिषेक करें. अन्य पूजा सामग्री में मूंग, दुर्वा और कुशा भी अर्पित करें.
- कर्क- इस राशि के शिवभक्त घी से भगवान शिव का अभिषेक करें. साथ ही कच्चा दूध, सफेद आंकडे का फूल और शंखपुष्पी भी चढाएं.
- सिंह- सिंह राशि के व्यक्ति गुड़ के जल से शिव का अभिषेक करें. वह गुड और चावल से बनी खीर का भोग शिव को लगाएं. मदार के फूल भी चढ़ाएं.
- कन्या- इस राशि के व्यक्ति गन्ने के रस से शिवलिंग का अभिषेक करें. शिव को भांग, दुर्वा व पान चढाएं.
- तुला- इस राशि के जातक इत्र या सुगंधित तेल से शिव का अभिषेक करें और दही, शहद और श्रीखंड का प्रसाद चढाएं. सफेद फूल भी पूजा में शिव को अर्पित करें.
- वृश्चिक- पंचामृत से शिव का अभिषेक वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शीघ्र फल देने वाला माना जाता है. साथ ही लाल फूल भी शिव को जरूर चढ़ाएं.
- धनु- इस राशि के जातक दूध में हल्दी मिलाकर शिव का अभिषेक करें. भगवान को चने के आटे और मिश्री से मिठाई तैयार कर भोग लगाएं. पीले या गेंदे के फूल पूजा में अर्पित करें.
मीन- इस राशि के जातक दूध या जल के साथ गुड़, घी, शहद और लाल चंदन शिवजी को चढ़ाने चाहिए.मकर- नारियल के पानी से शिव का अभिषेक मकर राशि के जातकों को विशेष फल देता है. साथ ही उड़द की दाल से तैयार मिष्ठान्न का भगवान को भोग लगाएं. नीले कमल का फूल भी भगवान को चढ़ाएं.- कुंभ- इस राशि के व्यक्ति को तिल के तेल से अभिषेक करना चाहिए. उड़द से बनी मिठाई का भोग लगाएं और शमी के फूल पूजा में अर्पित करें. यह शनि पीड़ा को भी कम करता है.