यूपी बिजली कर्मचारियों की हड़ताल को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है। यूपी के बिजली कर्मचारियों की हड़ताल पर सख्त रुख अख्तियार करते हुए संघर्ष समिति के अध्यक्ष सहित कई पदाधिकारियों व कर्मचारी नेताओं के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है।
कोर्ट ने सरकार को प्रदेशभर में जहां भी बिजली आपूर्ति गड़बड़ है, वहां तत्काल व्यवस्था बहाल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने सोमवार को हड़ताली कर्मचारी नेताओं और विभाग के अधिकारियों की सोमवार को तलब किया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र एवं न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर की खंडपीठ ने अधिवक्ता विभू राय की अर्जी पर दिया है। एडवोकेट विभू राय ने शुक्रवार सुबह खंडपीठ के समक्ष बिजली कर्मचारियों की प्रदेशव्यापी हड़ताल का मुद्दा उठाते हुए कहा कि गत वर्ष हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर बिजली कर्मचारियों की हड़ताल को अवैध करार देते हुए हड़ताल समाप्त करने का आदेश दिया था।
इसके बाद भी यह हड़ताल की गई है, जो कोर्ट के आदेश की स्पष्ट अवमानना है। इस पर कोर्ट ने बिजलीकर्मियों की हड़ताल को अवमाननाजनक मानते हुए संघर्ष समिति के अध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारियों को जमानती वारंट जारी करते हुए सोमवार को सुबह दस बजे तलब किया है। साथ ही राज्य सरकार से प्रदेश में आपूर्ति बाधित न होने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया है।