नई दिल्ली। 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके में स्थित 9 आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल हमले किए। जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान ने भारत पर ड्रोन और मिसाइल से हमला करने की नाकाम कोशिश की, जिसे भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने पूरी तरह नाकाम कर दिया।
हमले के बाद पाकिस्तान के नेताओं ने परमाणु हमले की आक्रामक बयानबाजी शुरू की थी, लेकिन अब खुद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बयान देकर इन गीदड़भभकियों पर विराम लगा दिया है।
शहबाज शरीफ ने मानी सच्चाई
इस्लामाबाद में छात्रों को संबोधित करते हुए शरीफ ने कहा,
“पाकिस्तान का परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह शांतिपूर्ण और रक्षात्मक उद्देश्यों के लिए है, आक्रामकता के लिए नहीं।”
उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत ने बहावलपुर जैसे आतंकी ठिकानों पर निशाना साधते हुए पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दे दिया है।
‘न्यूक्लियर ब्लैकमेल’ की पुरानी रणनीति
पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री और ISI के पूर्व प्रमुख जावेद अशरफ काजी जैसे नेताओं ने परमाणु हमले की धमकी दी थी। काजी ने तो द्वितीय विश्व युद्ध की जापान पर हुई बमबारी की तुलना करते हुए चेतावनी दी कि भारत और पाकिस्तान के पास 170 से अधिक परमाणु हथियार हैं और युद्ध विनाशकारी होगा।
लेकिन विशेषज्ञ इसे पाकिस्तान की पुरानी रणनीति – न्यूक्लियर ब्लैकमेल बताते हैं, जिसका मकसद अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाना है।
भारत का स्पष्ट संदेश: धमकी नहीं, जवाब मिलेगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर दो टूक जवाब दिया था कि अब पाकिस्तान की परमाणु धमकियों से डराने की रणनीति नहीं चलेगी।
उन्होंने कहा था,
“पाकिस्तान के प्रॉक्सी वॉर को अब युद्ध माना जाएगा और उसका जवाब पूरी ताकत के साथ दिया जाएगा।”
ऑपरेशन सिंदूर: भारत की निर्णायक कार्रवाई
भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में जैश-ए-मोहम्मद के मुख्य ठिकाने बहावलपुर सहित पीओके में 9 आतंकी अड्डों को निशाना बनाया गया। पाकिस्तान द्वारा मिसाइल और ड्रोन हमलों की कोशिश को भारतीय रक्षा प्रणालियों ने विफल कर दिया, जिससे दुनिया को भारत की सैन्य तैयारी और आत्मरक्षा क्षमता का भी स्पष्ट संदेश मिला।





























